प्रत्यय के कितने प्रकार होते हैं? Pratyay kitne prakar ke hote hain Learn it easily|pratyay ke kitne bhed hote hain?
आज हम आसान तरीके से हिंदी भाषा में व्याकरण में प्रत्यय के बारे में जानने का प्रयत्न करते है चलो तो फिर जाने प्रत्यय के कितने प्रकार होते हैं और उसके उद्धहरण
प्रत्यय के कितनेप्रकार होते हैं? pratyay ke kitne bhed hote hain?
1. कृत् प्रत्यय –Krut Prataya Bhed: क्रिया कीमूल धातु केअंत में लगनेवाले प्रत्ययों कोकृत–प्रत्यय कहतेहैं। ऐसे शब्दोंको कृदंत कहतेहैं। यह प्रत्ययक्रिया अर्थात् धातु कानया अर्थ देताहै, कृत प्रत्ययके योग सेसंज्ञा विशेषण बनते हैं।हिंदी में क्रियाके अंत मेंसे ‘ना‘ हटादेने से जोअंश बच जाताहै, वही धातुहै। जैसे–कहना–कह, चलना–चल।
कृत प्रत्यय क्रिया याधातु शब्द (संज्ञा) वैया (हिन्दी) खेना–खे खेवैयाअनीय (संस्कृत) दृशदर्शनीय आड़ी (हिन्दी) खेलना–खेल खिलाड़ी
2. तद्धित प्रत्यय Tadvit Prataya Bhed:– संज्ञा औरविशेषण के अंतमें लगने वालेप्रत्ययों को तद्धितप्रत्यय कहते हैंऔर इसके मेलसे बने शब्दको ‘तद्धितांत‘ कहतेहैं
प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है
कभी कभी प्रत्ययलगाने से अर्थमें कोई बदलावनहीं होता है।प्रत्यय लगने परशब्द में संधिनहीं होती बल्किअंतिम वर्ण मेंमिलने वाले प्रत्ययमें स्वर कीमात्रा लग जाएगीलेकिन व्यंजन होनेपर वह यथावतरहता है।
उद्धहरण :
मिठा +आई =मिठाई
पढ़ा +आई = पढ़ाई
चढ़ा +आई = चढ़ाई
भला +आई= भलाई