Famous Shlokas from Bhagvad gita in Sanskrit with meaning in Hindi
श्रद्धावान्ल्लभतेज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परांशान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥
इस श्लोकका अर्थ है:- श्रद्धा रखने वालेमनुष्य, अपनी इन्द्रियोंपर संयम
रखनेवाले मनुष्य, साधनपारायणहो अपनी तत्परतासे ज्ञान प्राप्तकते
हैं, फिरज्ञान मिल जानेपर जल्द हीपरम–शान्ति (भगवत्प्राप्तिरूपपरम
शान्ति) कोप्राप्त होते हैं।
>10 Sanskrit Quotes-Famous Sanskrit Quotes
यद्यदाचरतिश्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥
इस श्लोकका अर्थ है:- श्रेष्ठ पुरुष जो–जोआचरण यानी जो–जो कामकरते
हैं, दूसरेमनुष्य (आम इंसान) भी वैसा हीआचरण, वैसा हीकाम करते हैं।
वह (श्रेष्ठ पुरुष) जो प्रमाण याउदाहरण प्रस्तुत करता है, समस्त मानव–
समुदायउसी का अनुसरणकरने लग जातेहैं।
धृतराष्ट्र उवाच
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय ॥1.1
इस श्लोक का अर्थ है:- धृतराष्ट्र नेकहा – है संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में
युद्धकी इच्छा सेएकत्र हुए मेरेतथा पाण्डु केपुत्रो ने क्याकिया ?
पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामचार्य महतींचमुम् ।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तवशिष्येण धिमता ।।1.3
इस श्लोक का अर्थ है:- है आचार्य! पाण्डुपुत्रों की विशालसेना को देखे,
जिसे आपके बुद्धिमानशिष्य द्रुपद केपुत्र ने इतनेकोशल से व्यवस्थित
किया है ।
धृष्टकेतुश्चेकितानःकाशिराजश्च वीर्यवान् ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्चशैब्यश्च नरपुङवः ॥1.5
इस श्लोक का अर्थ है:- इनके साथही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज,
पुरूजित्, कुंतिभोज तथाशैब्य जैसे महानशक्तिशाली योद्धा भी है।
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